राजस्थान के हनुमानगढ़
की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में 38
वर्षीय शंभूशरण अपनी 30 वर्षीय पत्नी रीमा और दो बच्चे दीपक
और ज्योति के साथ रहता था। शंभू के
यहां सुनील नामक व्यक्ति का आना-जाना था। सुनील, शंभू के पास ही इंडस्ट्रियल एरिया में अपनी पत्नी
और दो बच्चों के साथ रहता था। शंभू की गैरमौजूदगी में रीमा और सुनील एक दूसरे के
करीब आ गए। दोनो के संबंध इतने बढ़े कि
सुनील ने काम-धंधा छोड़ शंभू की गैरमौजूदगी
में उसके ही घर पर अधिक समय गुजारना शुरु कर दिया। दोनों के अवैध संबंधों की खबर शंभू को हुई
तो घर में कलह होने लगी। रोज रोज के झगड़े से तंग आकर रीमा
और सुनील ने मिलकर प्यार में रोड़ा बन रहे अपने पति शंभू की गला रेतकर हत्या कर दी और शव को घर में ही संदूक में डालकर ऊपर रजाइयां रख दी। दो
दिन बाद खाने का निमंत्रण का बहाना
बनाकर सुनील अपनी पत्नी व बच्चो को लेकर शंभु के घर आया। घर में संदूक में बंद लाश से बदबू आ रही
थी। सुनील ने बहाना बनाते हुए उन्हें
जहर की गोली दी। बोला तुम लोगों की तबीयत खराब लग रही है। इस गोली को खा लो। सुनील की पत्नी को शक हुआ और उसने जहर
की गोली नहीं खाई और बच्चों को भी खाने नहीं दी। सुनील ने अपनी पत्नी और दोनों
बच्चों को एक कमरे में बंद कर दिया। रात
में रीमा ने सुनील के साथ मिलकर अपने बच्चे दीपक और ज्योति का बेरहमी से गला रेतकर
हत्या कर दी। भोर मे सुनील ने जैसे ही अपनी पत्नी को कमरे से निकाला वह रोती हुई
बच्चों को लेकर वहां से भाग गई। रीमा भी
सुनील के साथ फरार हो गई। घर पहुचकर सुनील की पत्नी ने अपने
ससुराल वालों को इस बारे में बताया। सुनील
के परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे। सुनील की पत्नी ने पुलिस को सारी
बात बताई। घटनास्थल पर पहुचकर पुलिस
घर का ताला तोड़कर अंदर घुसी। घर में
तीन लाशें पड़ी थीं और वहां काफी बदबू आ रही थी। पुलिस तीनों शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये
भेजने के साथ ही दोनों की तलाश मे जुट गई। आखिरकार पुलिस ने हरियाणा के पास अबूबसार से दोनों को
गिरफ्तार कर लिया।
की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में 38
वर्षीय शंभूशरण अपनी 30 वर्षीय पत्नी रीमा और दो बच्चे दीपक
और ज्योति के साथ रहता था। शंभू के
यहां सुनील नामक व्यक्ति का आना-जाना था। सुनील, शंभू के पास ही इंडस्ट्रियल एरिया में अपनी पत्नी
और दो बच्चों के साथ रहता था। शंभू की गैरमौजूदगी में रीमा और सुनील एक दूसरे के
करीब आ गए। दोनो के संबंध इतने बढ़े कि
सुनील ने काम-धंधा छोड़ शंभू की गैरमौजूदगी
में उसके ही घर पर अधिक समय गुजारना शुरु कर दिया। दोनों के अवैध संबंधों की खबर शंभू को हुई
तो घर में कलह होने लगी। रोज रोज के झगड़े से तंग आकर रीमा
और सुनील ने मिलकर प्यार में रोड़ा बन रहे अपने पति शंभू की गला रेतकर हत्या कर दी और शव को घर में ही संदूक में डालकर ऊपर रजाइयां रख दी। दो
दिन बाद खाने का निमंत्रण का बहाना
बनाकर सुनील अपनी पत्नी व बच्चो को लेकर शंभु के घर आया। घर में संदूक में बंद लाश से बदबू आ रही
थी। सुनील ने बहाना बनाते हुए उन्हें
जहर की गोली दी। बोला तुम लोगों की तबीयत खराब लग रही है। इस गोली को खा लो। सुनील की पत्नी को शक हुआ और उसने जहर
की गोली नहीं खाई और बच्चों को भी खाने नहीं दी। सुनील ने अपनी पत्नी और दोनों
बच्चों को एक कमरे में बंद कर दिया। रात
में रीमा ने सुनील के साथ मिलकर अपने बच्चे दीपक और ज्योति का बेरहमी से गला रेतकर
हत्या कर दी। भोर मे सुनील ने जैसे ही अपनी पत्नी को कमरे से निकाला वह रोती हुई
बच्चों को लेकर वहां से भाग गई। रीमा भी
सुनील के साथ फरार हो गई। घर पहुचकर सुनील की पत्नी ने अपने
ससुराल वालों को इस बारे में बताया। सुनील
के परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे। सुनील की पत्नी ने पुलिस को सारी
बात बताई। घटनास्थल पर पहुचकर पुलिस
घर का ताला तोड़कर अंदर घुसी। घर में
तीन लाशें पड़ी थीं और वहां काफी बदबू आ रही थी। पुलिस तीनों शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये
भेजने के साथ ही दोनों की तलाश मे जुट गई। आखिरकार पुलिस ने हरियाणा के पास अबूबसार से दोनों को
गिरफ्तार कर लिया।